॥ मन्त्रमालिनी ॥

माते गायत्री....
माते गायत्री, सिंहारूढ भगवती-महिषासुरमर्दिनी, क्षमस्व चण्डिके|
जय दुर्गे, अखिल विश्‍व की जननी मॉं उदे, उदे, उदे, उदे, उदे ॥


नवमी, नित्या मन्त्रमालिनी - कलिमलहारिणी, रक्ष चण्डिके|

जय दुर्गे, अखिल विश्‍व की जननी मॉं उदे, उदे, उदे, उदे, उदे॥

कृपा करो, अशुभ हरो - हे वज्रमंडलराज्ञी, रक्ष चण्डिके|

जय दुर्गे, अखिल विश्‍व की जननी मॉं उदे, उदे, उदे, उदे, उदे॥

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Aniruddha Kaladalan Group Project (Navaratri Utsav)

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