नाम :- सत्यप्रसद्सिंह बाजपेयी कविता :- मुबारक हो ‘बापू’, जनम दिन तुम्हारा | आ गये साथ हम, पा ‘इशारा’ तुम्हारा || थी ‘वो धन्य ‘जननी’, कि जिसने जना था | थी ‘वो’ धन्य ‘भूमि’, जहाँ बचपना था || थी वो धन्य ‘टोली’, साथ बचपन में खेला | जहाँ तुम गए, हो गया धन्य मेला || माता - पिता के थे आँखों के तारे | गुरुवों के थे तुम सदा शिष्य प्यारे || है माँ धन्य ‘नन्दा’ कि जिसने बरा है | आप में प्यार का, प्रेमसागर भरा है || है वो धन्य संतति कि जिनके तुम बाप्पा | सफलता का जिन पर लगाया है ठप्पा || सभी तुमको प्यारे ,तू सबको है प्यारा | मुबारक हो ‘बापू’, जनम दिन तुम्हारा || स्थान :- ओपेरा हाउस (मुंबई) ईमेल :- satyaprasadbajpai@gmail.com
नाम :- सत्यप्रसद्सिंह बाजपेयी
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मुबारक हो ‘बापू’, जनम दिन तुम्हारा | आ गये साथ हम, पा ‘इशारा’ तुम्हारा ||
थी ‘वो धन्य ‘जननी’, कि जिसने जना था | थी ‘वो’ धन्य ‘भूमि’, जहाँ बचपना था ||
थी वो धन्य ‘टोली’, साथ बचपन में खेला | जहाँ तुम गए, हो गया धन्य मेला ||
माता - पिता के थे आँखों के तारे | गुरुवों के थे तुम सदा शिष्य प्यारे ||
है माँ धन्य ‘नन्दा’ कि जिसने बरा है | आप में प्यार का, प्रेमसागर भरा है ||
है वो धन्य संतति कि जिनके तुम बाप्पा | सफलता का जिन पर लगाया है ठप्पा ||
सभी तुमको प्यारे ,तू सबको है प्यारा | मुबारक हो ‘बापू’, जनम दिन तुम्हारा ||
स्थान :- ओपेरा हाउस (मुंबई)
ईमेल :- satyaprasadbajpai@gmail.com