जिसने हर युग में निभाया है अपना वादा ................. poem by Harshsinh Pawar


जिसने हर युग में निभाया है अपना वादा 
वो लक्ष्मण,वो बलराम,वो सटका वही मेरे दादा !

अपने प्रभू की सेवा में जिसने हर सुख को त्यागा 
बने रहे कवच प्रभू के हमेशासे मेरे दादा !

न केवल राह दिखाई, हाथ थांबे चलना भी सिखाया 
जब कभी लगी ठेस हमे दौड़ते हुए आये है मेरे दादा !

उनके प्यार भरे आश्वासन से मेरा दुख हो जाता है आधा
देते हे ताकत लढने की मुसीबतों से मुझे मेरे दादा !

अब चाहे मिले खुशियाँ या मिले गम ज्यादा
नहीं फिक्र हमे जब साथ हमारे है सूचित दादा !!!

श्री राम 
मैं अंबज्ञ हू  !!!


~ हर्षसिंह पवार

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