प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥ Posted by Unknown on April 17, 2015 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥ Comments
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