तेरी याद बापू तेरी याद
मन से ओझल ना होने पायें
मन से ओझल ना होने पायें
जितने भी लम्हे तेरे बीन हमने जिए
समझो वो यूँही गवाँए
समझो वो यूँही गवाँए
तेरी याद बापू तेरी याद ...
साँसे ली जो तेरे याद बीन
जैसे सीने पर बोझ बन गयी ।
जैसे सीने पर बोझ बन गयी ।
तेरी याद बापू तेरी याद ..
खुशी तेरे बिन जो भी बिताई
हर घडी वो व्यर्थ गवाई ।
हर घडी वो व्यर्थ गवाई ।
तेरी याद बापू तेरी याद..
जब याद न तेरी आई
हर सांस जिन्दगी न लाई ।
हर सांस जिन्दगी न लाई ।
तेरी याद बापू याद ...
तेरे याद बिन मेरे बापू
कुछ भी न हमें गवारा ।
कुछ भी न हमें गवारा ।
तेरी याद बापू तेरी याद ...
तेरी याद ही है बापू
अब जीने का अंतिम सहारा ।
अब जीने का अंतिम सहारा ।
तेरी याद बापू तेरी याद ..
अब तो रूह में उतार "याद" ऎ मालिक
रूखे रेगिस्तान में करदे बरसात ऐ मालिक
रूखे रेगिस्तान में करदे बरसात ऐ मालिक
जिंदगी में जिंदगी और रूह को करार
तेरी "याद "ही से आता है मेरे "होने"को करार ।
तेरी "याद "ही से आता है मेरे "होने"को करार ।
तेरी याद बापू तेरी याद
मन से न ओझल होने पाएं ।।
मन से न ओझल होने पाएं ।।
।। हरि ॐ श्री राम अम्बज्ञ ।।
- डॉ निशिकांतसिंह विभुते (Aniruddha Kaladalan)
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