Poem : Aniruddha



अनिरुद्धा मनरमणा 

एक तेरे दीदार के है,
हम सब दिवाने,
एक तेरी मुस्कुराहट के है,
हम सब परवाने ।।१।।

एक तेरा वो चलके आना
अनिरुद्धा,
जी जान से पलके बिछाए
है हम खडे ।।२।।

एक तेरी बातें मन लुभानेवाली,
तेरी चाहतभरी नजरे,
जान लुटानेवाली ।।३।।

एक तेरी वो फिक्र करने की अदा,
डॅड तेरी चाहत में,
हम सब है फिदा ।।४।।

आप हमारे दोस्त, यार 
और प्यार भी,
आपका शब्द हीं हमारी प्रेरणा,
अनिरुद्धा मनरमणा..
अनिरुद्धा मनरमणा.. ।।५।।

- सौ.सोनालीविरा राहुल बेल्लुबी
चिंचवड

Comments

  1. Awesome Sonaliveera... Ambadnya Bahot accha aur Sach likha he apne

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  2. अंबज्ञ संजीवनीवीरा

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  3. Very nice poem . Shree Ram Ambadnya
    Dr Vibhute

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  4. बहुत शुक्रिया जी। नाथसंविध अंबज्ञ

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