अनिरुद्धा मनरमणा
एक तेरे दीदार के है,
हम सब दिवाने,
एक तेरी मुस्कुराहट के है,
हम सब परवाने ।।१।।
एक तेरा वो चलके आना
अनिरुद्धा,
जी जान से पलके बिछाए
है हम खडे ।।२।।
एक तेरी बातें मन लुभानेवाली,
तेरी चाहतभरी नजरे,
जान लुटानेवाली ।।३।।
एक तेरी वो फिक्र करने की अदा,
डॅड तेरी चाहत में,
हम सब है फिदा ।।४।।
आप हमारे दोस्त, यार
और प्यार भी,
आपका शब्द हीं हमारी प्रेरणा,
अनिरुद्धा मनरमणा..
अनिरुद्धा मनरमणा.. ।।५।।
- सौ.सोनालीविरा राहुल बेल्लुबी
चिंचवड
चिंचवड
Awesome Sonaliveera... Ambadnya Bahot accha aur Sach likha he apne
ReplyDeleteअंबज्ञ संजीवनीवीरा
ReplyDeleteVery nice poem . Shree Ram Ambadnya
ReplyDeleteDr Vibhute
बहुत शुक्रिया जी। नाथसंविध अंबज्ञ
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